रंग, रेखाएं..अखबार के अक्षरों के बीच उभरा एक चेहरा
एक दिन अखबार पर पानी की कुछ बूंदें पड़ी हुई थीं..और उसी के बीच अपना चेहरा उकेरने की कोशिश की..कुछ कमाल पानी की बूंदों का भी था कि उन्होंने रंगों और रेखाओं के बीच जिस तरह के बुलबुले बनाए..तो ये चेहरा कुछ अलग ही लगने लगा...
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